चंपावत। जिले के पर्यटन परिदृश्य में एवटमाउंट एक ऐसे केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है, जो न केवल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करेगा, बल्कि जिले की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर भी बदल देगा। यदि सब कुछ ठीक-ठाक यज्ञ तो वह दिन दूर नहीं जब देश विदेश के प्रकृति प्रेमी पर्यटक इस ओर खींचें चले आएंगे। जिलाधिकारी मनीष कुमार द्वारा स्थल का विस्तृत निरीक्षण और पर्यटन सुविधाओं के विकास को लेकर दिए गए स्पष्ट निर्देश इस बात का संकेत हैं कि अब पर्यटन को लेकर जिले की सोच और रणनीति दोनों बदल रही हैं। पिछले दिनों आए मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने यहां आकर माना कि जैसा यहां का कुदरती नजारा है वैसा कहीं का नहीं।
एवटमाउंट को एक प्लान्ड टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में सड़क संपर्क, वॉकवे, व्यू पॉइंट, लाइटिंग, पार्किंग, यातायात नियंत्रण और आपदा प्रबंधन जैसी मूलभूत सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रशासन का उद्देश्य है कि पर्यटक यहां न केवल पहुंचे, बल्कि सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार अनुभव लेकर लौटें।

फोटो – मुख्य सचिव को यहां बिखरे प्राकृतिक वैभव को दिखाते जिलाधिकारी और हिमालय के विहंगम दृश्य को देखने में खो गए सीएस एवं डीएम ।
एवटमाउंट से दिखाई देने वाला हिमालय का विहंगम दृश्य, हर पल उसका बदला स्वरूप, मन को छू लेने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त, ऊंचाई पर स्थित समतल मैदान और चारों ओर फैली हरियाली इसे विशिष्ट बनाती है। इसके साथ ही ब्रिटिश काल की विरासत इस स्थल को ऐतिहासिक गहराई देती है, जो पर्यटकों को प्रकृति के साथ इतिहास से भी जोड़ती है।
संपादकीय दृष्टि से देखा जाए तो चंपावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती पर्यटकों की ‘टेस्ट’ में प्रवेश करना है। जिलाधिकारी का यह स्वीकार करना कि अभी तक दिल्ली और महानगरों के पर्यटकों को अपेक्षित रूप से आकर्षित नहीं किया जा सका है, यह एक ईमानदार आत्ममंथन का प्रयास है। जबकि सच यह है कि जिन प्राकृतिक संसाधनों का यहां भंडार है, उनका अभाव कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में दिखाई देता है। एवटमाउंट का विकास केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है। यह स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए द्वार खोल सकता है। होटल, गाइड, परिवहन, स्थानीय उत्पाद और एडवेंचर टूरिज्म जैसी गतिविधियां जिले की अर्थव्यवस्था को गति देंगी।
यदि एवटमाउंट को सुनियोजित, संवेदनशील और सतत विकास के साथ आगे बढ़ाया गया, तो यह स्थल चंपावत को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिला सकता है। यह केवल एक पर्यटन परियोजना नहीं, बल्कि जिले के भविष्य में किया जा रहा एक दूरदर्शी निवेश एवं सोच है।
