हल्द्वानी । केंद्र सरकार के मनरेगा का नाम बदलकर वीबी जी राम जी करने को लेकर जहां पुरे देश में आज कांग्रेस का एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को “वीबी‑जी राम जी” के नाम से बदलने का प्रस्ताव रखा है। इस बदलाव को लेकर पूरे देश में बड़े‑पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है ।
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने केंद्र की भाजपा सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा गरीब और ग्रामीण परिवारों के लिए केवल एक योजना नहीं, बल्कि कानूनी रूप से सुनिश्चित रोजगार का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार इसके मूल स्वरूप में बदलाव कर इस अधिकार पर प्रहार कर रही है।
वहीं हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि नया बिल केवल नाम बदलने से नहीं, बल्कि रोजगार की गारंटी को 100 दिन से 125 दिन तो बढ़ाता है, पर वेतन दर में कोई सुधार नहीं है और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और इस कदम से ग्रामीण पंचायतों की स्वायत्तता कम होगी और केंद्र का नियंत्रण बढ़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ रही है और पलायन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा की आत्मा विकेंद्रीकरण और मांग आधारित रोजगार प्रणाली है, लेकिन अब इसे केंद्रीकृत नियंत्रण में लाकर राज्यों और पंचायतों की भूमिका को सीमित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है और जरूरतमंद परिवारों को समय पर काम नहीं मिल पा रहा है।
सुमित हृदयेश ने मांग की कि मनरेगा को पूरी मजबूती के साथ लागू किया जाए, इसका बजट बढ़ाया जाए और मजदूरों को समय पर पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने मनरेगा के साथ हो रहे कथित अन्याय को नहीं रोका, तो कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगी।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी हल्द्वानी के अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष मधु सांगुड़ी, शोभा बिष्ट, हेमंत बगड़वाल, एन. बी. गुणवंत, हरीश मेहता, सुहैल अहमद सिद्दीकी, जाकिर हुसैन सहित अनेक कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
