विश्व अल्पसंख्यक आयोग दिवस के मौके पर उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों, सम्मान और सहभागिता को लेकर कहीं यह बात

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हल्द्वानी । विश्व अल्पसंख्यक आयोग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों, सम्मान और सहभागिता को लेकर अहम संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज की मजबूती इस बात से तय होती है कि वहां अल्पसंख्यक समुदाय खुद को कितना सुरक्षित, सशक्त और सम्मानित महसूस करता है।

मजहर नईम नवाब ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग की भूमिका केवल शिकायतों के निस्तारण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर दिलाना और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना भी इसका मूल उद्देश्य है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने पर विशेष जोर दिया।

पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय राज्य में आपसी भाईचारा और सामाजिक सौहार्द हमेशा से पहचान रहा है। इसे और मजबूत करने के लिए जरूरी है कि सभी समुदाय मिलकर संवाद और सहयोग की भावना के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएं और समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।

मजहर नईम नवाब ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ तभी सार्थक होगा जब जरूरतमंद लोगों तक सही जानकारी और पारदर्शिता के साथ पहुंचाया जाए। अंत में उन्होंने विश्व अल्पसंख्यक आयोग दिवस के अवसर पर सभी को आपसी सद्भाव, समानता और संविधान के मूल्यों को मजबूत करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

 

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