नैनीताल/ हल्दूचौड़। क्षेत्र के दर्जनों गांव इन दिनों तेंदुए के लगातार बढ़ते आतंक से सहमे हुए हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि ग्रामीणों का रात में घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। बीते कुछ दिनों में तेंदुआ कई गौवंश और पालतू कुत्तों को निवाला बना चुका है। कल रात भी एक और गौवंश पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया, जिसके बाद क्षेत्र में दहशत और गहरी हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए की ये गतिविधियां नई नहीं हैं, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हमलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। बावजूद इसके वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। लोगों का आरोप है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं, मानो उन्हें किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार हो।
ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ अक्सर गांव की सरहद और खेतों के पास देखा जा रहा है। मवेशियों पर लगातार हमले होने से पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भय के साए में जीने को मजबूर हैं। रात होते ही लोग घरों से बिल्कुल बाहर नहीं निकलते।
स्थानीय निवासियों ने वन विभाग से तुरंत राहत और सुरक्षा उपायों की मांग की है। ग्रामीणों ने क्षेत्र में पिंजरा लगाने, रात्रि गश्त बढ़ाने और तेंदुए को पकड़े जाने तक सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता जताई है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी गंभीर अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल पूरा क्षेत्र तेंदुए की दहशत के साए में है और लोग वन विभाग की पहल का इंतजार कर रहे हैं।