रामनगर पुछडी में वन भूमि के बिक्री में कई प्रभावी नामों के खुलासों की बात आ रही सामने, तो वन विभाग के संलिप्तता पर पर्दा क्यों

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रामनगर। पुछड़ी क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर वर्षों से चले आ रहे अतिक्रमण और विवाद के बीच अब अवैध रूप से वनभूमि बेचने वाले दलालों व प्रभावशाली लोगों के नाम तेजी से सामने आने लगे हैं। दिलचस्प बात में कि वन विभाग की संलिप्तता पर पर्दा किया जा रहा है क्या वन विभाग के छोटे से कर्मचारी से लेकर उस समय के तत्कालीन अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी।

जानकारी के अनुसार सोशल नेटवर्किंग पर पुछड़ी में किससे जमीन खरीदी इनमें ताहिर,सलीम,डॉक्टर, बाबू, अंकल जैसे नाम अवैध कब्जेदार ले रहे है।कोई कह रहा है एक लाख में कोई कह रहा है ढाई लाख में सरकारी वन भूमि का सौदा हुआ।

दिलचस्प बात ये है वन विभाग ने भी ताहिर और उसके कुछ साथियों के खिलाफ पुलिस में पहले से ही एफआईआर दर्ज करवाई हुई है कि इनके द्वारा वन भूमि खुर्दबुर्द की हुई है।

बताया जाता है कि उक्त भूमि की बिक्री को लेकर शासन ने एसआईटी जांच भी करवाई और इसमें भी इन आरोपियों के नाम सामने आए थे।

सूत्रों के अनुसार, वन विभाग की जमीन को निजी संपत्ति बताकर रकम वसूलने का गोरखधंधा वर्षों से चल रहा था, जिसमें कई लोगों की मिलीभगत की शिकायतें सामने आ रही हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कुछ लोगों ने बिना किसी अधिकार के वन विभाग की जमीन को भूखंडों की तरह बेच दिया, और भोले-भाले परिवारों को कागज़ों व रसीदों के नाम पर भ्रमित किया गया। जमीन बेचने वाले इस नेटवर्क में एक नहीं, बल्कि कई नाम शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी भूमिका की परतें अब खुलनी शुरू हो गई हैं।

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद पीड़ित परिवारों ने मांग उठाई है कि वनभूमि बेचने वाले असली दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। वहीं प्रशासन भी अब इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने की तैयारी में बताया जा रहा है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों का कहना है कि “जिन लोगों ने सरकारी जमीन बेचकर लाखों रुपये कमाए, उन्हें बचाने की बजाय बेघर किए गए परिवारों को न्याय मिलना चाहिए।”

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और प्रशासन क्या कदम उठाता है ?

सौदेबाजी पड़ सकती है महंगी

जानकारी के मुताबिक सरकारी वन भूमि वो भी रिजर्व फॉरेस्ट की, को खुर्दबुर्द करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन और वन विभाग कानूनी शिकंजा कसने जा रहा है। वन विभाग के पास पर्याप्त साक्ष्य पहले से है इन भू माफिया के खिलाफ नैनीताल जिला प्रशासन सख्त धाराओं में कार्रवाई करने की तैयारी में है।एडीएम विवेक राय बताते है कि रामनगर के भू माफिया जल्द ही कानून के सख्त धाराओं में निरुद्ध किए जाएंगे।

वन भूमि की सुरक्षा

जो भूमि वन विभाग प्रशासन ने अवैध कब्जों से मुक्त करवाई है,उसकी सुरक्षा के लिए वन विभाग के प्रमुख सचिव आर के सुधांशु ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है उन्होंने बताया कि वन भूमि पर अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, रामनगर में जो भूमि खाली करवाई गई है उसकी सुरक्षा के लिए तारबाड़ कराई जा रही है एक वाच टावर भी बनाया जाएगा ताकि जंगल की भूमि सुरक्षित रह सके।

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