लोहाघाट। आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह तथा उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों, वीरों एवं वीरांगनाओं को सम्मानित कर उनकी शौर्यगाथाओं को नमन किया गया।

न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह ने वीरों और उनके परिवारों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि नालसा द्वारा वीर परिवार सहायता योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत सैनिकों, पूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों तथा वीरांगनाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव है।
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के सदस्य सचिव प्रदीप मणि त्रिपाठी ने जानकारी दी कि प्रत्येक जनपद में पीएलबी (अधिकार मित्र) के 25 प्रतिशत पद पूर्व सैनिकों व अर्धसैनिक बलों के लिए आरक्षित किए जाएंगे, जिससे वे अपने साथियों की समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभा सकें। कार्यक्रम के दौरान सरस्वती शिशु मंदिर पाटन के वर्दीधारी बाल कलाकारों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर वातावरण को भावुक और प्रेरणादायी बना दिया। न्यायमूर्तियों ने उत्तराखंड की माताओं को नमन करते हुए कहा कि यह वीर भूमि सदैव राष्ट्र रक्षा के लिए सपूत देती रही है।
इससे पूर्व न्यायमूर्तियों का जिला जज अनुज कुमार संगल, सीजेएम निहारिका मित्तल गुप्ता, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण भवदीप रावते, आईटीबीपी कमांडेंट संजय कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भावपूर्ण स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति मनोज तिवारी ने की, जबकि संचालन शासकीय अधिवक्ता भास्कर मुरारी ने किया। अंत में न्यायमूर्तियों ने स्मृति स्वरूप पौधारोपण कर कार्यक्रम को यादगार बनाया।
