मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र गुदमी (बनबसा) में 1,1.677 लाख की वित्तीय गड़बड़ी उजागर,मनरेगा घोटाले में वसूली के आदेश, पर कार्रवाई नदारद

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फोटो – बनबसा के गुदमी गांव का दृश्य, जहां मनरेगा कार्यों के बावजूद खेतों में अनियमितताओं के सवाल उठ रहे हैं

 

चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत बनबसा विकासखंड की ग्राम पंचायत गुदमी में मनरेगा योजना के तहत ₹1,1.667 रुपये की वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। मनरेगा लोकपाल द्वारा की गई जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद संबंधित कर्मियों से धनराशि वसूली के आदेश तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन अब तक किसी भी दोषी व्यक्ति के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का कोई आदेश नहीं हुआ है, जिससे पूरे मामले पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मनरेगा लोकपाल की जांच में वित्तीय नियमों के उल्लंघन की पुष्टि के बाद मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से संबंधित कर्मचारियों से धनराशि वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। जिला विकास अधिकारी के अनुसार इस प्रकरण से जुड़े 23 महत्वपूर्ण प्रपत्र भी संलग्न किए गए हैं। वसूली की जिम्मेदारी चम्पावत के खंड विकास अधिकारी अशोक अधिकारी को सौंपी गई है, जिन्हें तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

हालांकि आदेश में वित्तीय गड़बड़ी की रकम वसूलने की बात कही गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ विभागीय या कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

यह चुप्पी प्रशासनिक इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े करती है और भ्रष्टाचार पर ‘शून्य सहनशीलता’ के दावों को कमजोर करती है।

जनपद के चारों विकासखंडों में मनरेगा के तहत भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की राशि को मिलीभगत और सुनियोजित तरीके से ठिकाने लगाने की चर्चाएं लंबे समय से चल रही हैं।

कई ग्राम पंचायतों में संपत्ति रजिस्टर का अभाव होने के कारण योजनाओं में डुप्लीकेट और फर्जी कार्यों के आरोप भी सामने आते रहे हैं, लेकिन आपसी रिश्तेदारी और विभागीय संरक्षण के चलते ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही। एक ही स्थान पर वर्षों से जमे अधिकारी, नियमों की अनदेखी

बताया जा रहा है कि गुदमी ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम विकास अधिकारी मूल रूप से किसी अन्य विकासखंड में नियुक्त हैं और वहीं से वेतन भी आहरित करते हैं, इसके बावजूद लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। इस ‘विशेष सुविधा’ को लेकर भी क्षेत्र में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसके संरक्षण में यह व्यवस्था चल रही है।

मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान पर प्रश्नचिह्न

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं, लेकिन उनके ही निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की गड़बड़ी और कार्रवाई की सुस्ती यह सवाल खड़ा करती है कि

आखिर कौन है वह ताकतवर व्यक्ति, जो व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे रहा है?

जिलाधिकारी के संज्ञान में आने का इंतजार हालांकि यह मामला अभी जिलाधिकारी मनीष कुमार के संज्ञान में नहीं आया है, लेकिन जैसे ही यह प्रकरण उनके सामने पहुंचेगा, क्षेत्रवासियों को कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद है।

 

 

फोटो – बनबसा के गुदमी गांव का दृश्य, जहां मनरेगा कार्यों के बावजूद खेतों में अनियमितताओं के सवाल उठ रहे हैं।

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