चंपावत मॉडल जिला : पूर्वजों की विरासत को नई पीढ़ी से जोड़ने की पहल,नौलों-घराटों के संरक्षण से पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा नया जीवन

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फोटो – रायनगर चौड़ी में नौले की सफाई करते एडीएम, प्रशासनिक अधिकारी एवं ग्रामीण।

 

चंपावत /लोहाघाट। चंपावत को मॉडल जिला बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार की पहल पर पूर्वजों की अमूल्य धरोहर नौले-धारे और घराटों को पुनर्जीवित कर उन्हें पर्यटन व नई पीढ़ी से जोड़ने का अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान की शुरुआत अपर जिलाधिकारी केएन गोस्वामी द्वारा राय नगर चौड़ी से की गई।इस पहल में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर सहयोग करते हुए श्रमदान के माध्यम से नौलों की सफाई की।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि एक समय था जब इन्हीं नौलों और जंगलों की समृद्धि के आधार पर विवाह तक तय किए जाते थे। गांव के नौले-घराट समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक माने जाते थे। श्री गोस्वामी ने कहा कि पहले जब गांव में नई दुल्हन आती थी तो गांव की महिलाएं उसे नौले के पास ले जाकर पूजा करती थीं, ताकि वरुण देवता सदैव गांव की प्यास बुझाते रहें। नौला केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का केंद्र हुआ करता था।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने पूर्वजों की इस धरोहर को सहेजें और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखें। सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत आज एडीएम के नेतृत्व में एसडीएम नितेश डांगर, वीडीओ केएस रावत, सामाजिक कार्यकर्ता भैरव दत्त राय सहित ग्रामीणों ने रायनगर चौड़ी में नौले की सफाई कर स्वच्छता अभियान का नेतृत्व किया। एडीएम ने बताया कि “नौलों की सफाई और संरक्षण का यह अभियान केवल एक गांव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर गांव में चरणबद्ध रूप से चलाया जाएगा।” प्रशासन का मानना है कि नौलों-घराटों के संरक्षण से जहां पेयजल स्रोत सुरक्षित होंगे, वहीं यह पहल ग्रामीण पर्यटन को भी नया आयाम देगी। इससे स्थानीय संस्कृति, परंपरा और इतिहास से नई पीढ़ी का जुड़ाव मजबूत होगा।

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